अमरनाथ की यात्रा, अमरनाथ गुफा की खोज, अमरनाथ किस राज्य में है, अमरनाथ शिवलिंग कैसे बनता है, अमरनाथ यात्रा कितने दिन की होती है? अमरनाथ यात्रा कब से शुरू होगी 2021में? अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे करे? - Rajasthan Result

अमरनाथ की यात्रा, अमरनाथ गुफा की खोज, अमरनाथ किस राज्य में है, अमरनाथ शिवलिंग कैसे बनता है, अमरनाथ यात्रा कितने दिन की होती है? अमरनाथ यात्रा कब से शुरू होगी 2021में? अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन कैसे करे?

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शिव भक्तों के लिए हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ धाम सर्वाधिक आस्था वाला पवित्र तीर्थस्थल है। इस पवित्र स्थल की यात्रा इस वर्ष 30 जून से आरंभ हो गई है। पहला जत्था रवाना हो गया है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस कारण यहां आते हैं कि गुफा में बर्फ से नैसर्गिक शिवलिंग का निर्माण होता है। प्राकृतिक हिम से बनने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग और बाबा बर्फानी भी कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस शिवलिंग का दर्शन करता है, उसको जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिल जाती है…

 

1 अमरनाथ यात्रा का महत्व

अमरनाथ

अमरनाथ

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में मां पार्वती को अमर कथा सुनाई थी। इस गुफा में एक हैरान करने वाली बात यह है कि गुफा में शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है जबकि नीचे फैला बर्फ कच्चा होता है। कहते हैं यहां पर भगवान शिव साक्षात विराजते हैं। साथ ही यहां पर देवी का एक शक्तिपीठ भी है। 51 शक्तिपीठों में से महामाया शक्तिपीठ इसी गुफा में स्थित है क्योंकि यहां देवी सती का कंठ गिरा था।

2 अमरनाथ गुफा में दिखता है यह गजब संयोग

अमरनाथ में भगवान शिव के अद्भुत हिमलिंग दर्शन के साथ ही माता सती का शक्तिपीठ होना एक दुर्लभ संयोग है। ऐसा संयोग कहीं और देखने को नहीं मिलता। इस गुफा में केवल शिवलिंग ही नहीं बल्कि माता पार्वती और गणेश के रूप में दो अन्‍य हिम लिंग भी बनते हैं। माना जाता है कि इस दर्शन के पुण्य से मनुष्य मुक्ति का अधिकारी बन जाता है।

3 चंद्रमा के समान घटता बढ़ता है शिवलिंग

आमतौर पर अमरनाथ धाम की यात्रा आषाढ़ मास से आरंभ होती है और रक्षाबंधन तक यानी श्रावण पूर्णिमा तक चलती है। कहा जाता है जिस प्रकार चंद्रमा का आकार घटता बढ़ता रहता है, उसी प्रकार शिवलिंग का आकार भी घटता बढ़ता रहता है। अमरनाथ की इस पवित्र गुफा की खोज एक म‍ुस्लिम गड़रिए ने की थी। उसका नाम बूटा मलिक था। आज भी इसके वंशजों को दान में चढ़ाई गई राशि का ए‍क हिस्‍सा दिया जाता है।

4 अमरनाथ यात्रा मार्ग के प्रमुख स्थल

जब भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाने ले जा रहे थे। तब रास्ते में उन्होंने छोटे-छोटे नागों को अनंतनाग में रख दिया। पहलगाम में अपने नंदी यानी बैल को छोड़ दिया। सिर के चंदन और चंद्रमा को उन्होंने चंदनबाड़ी में रख दिया। पिस्सुओं को पिस्सू टॉप पर तथा शेषनाग को शेषनाग नामक स्थान पर छोड़ दिया।

5 माता पार्वती के साथ इन्होंने भी सुनी कथा

कथा है कि जब भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुना रहे थे, तब वहां पर एक शुक अर्थात तोता और दो कबूतर का जोड़ा भी इसको सुन रहे थे। शुक बाद में ऋषि शुकदेव के नाम से प्रसिद्ध हो गए। जबकि आज भी कबूतर का जोड़ा कभी-कभी यहां देखने को मिल जाता जो शिव पार्वती के रूप में मान्य है।

6 अमरनाथ यात्रा का मार्ग

अमरनाथ यात्रा जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला पहलगाम और दूसरा बालटाल होकर जा सकते हैं। पहलगाम या बालटाल तक बस से पहुंचा जाता है। आगे के रास्तों पर श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ता है। पहलगाम से होकर जाने वाला रास्ता थोड़ा सरल है इसलिए लोग इसी रास्ते से जाना पसंद करते हैं।

पहलगाम वाले रास्ते से: जम्मू-पहलगाम-चंदनवाड़ी-पिस्सू टॉप-शेषनाग-पंचतरणी-अमरनाथ गुफा

बालटाल वाले रास्ते से: जम्मू-बालटाल-डोमैल-बरारी-अमरनाथ गुफा

 

अमरनाथ गुफा की खोज

बूटा मलिक ने की थी खोज- अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम गड़रिया ने की थी. जानवर चराते हुए बूटा की मुलाकात एक साधू से हुई. साधू ने उसे कोयले से भरा एक बैग दिया. बूटा ने घर पहुंचकर जब बैग खोलकर देखा तो कोयले को सोने के सिक्कों में बदला हुआ पाया।

अमरनाथ किस राज्य में है

अमरनाथ मंदिर अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में १३५ सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से १३, ६०० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई १९ मीटर और चौड़ाई १६ मीटर है। गुफा ११ मीटर ऊँची है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।

अमरनाथ शिवलिंग कैसे बनता है

अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग मौजूद है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है. अमर नाथ की ही गुफा में भगवान शिव ने अमरत्व का रहस्य बताया था।

अमरनाथ यात्रा कितने दिन की होती है?

बलटाल कैंप से तीर्थयात्री एक दिन में अमर नाथ गुफा की यात्रा कर वापस कैंप लौट सकते हैं।

अमरनाथ यात्रा कब से शुरू होगी?

नई दिल्‍ली। कोरोना महामारी के बीच 28 जून से आरंभ हो रही अमर नाथ यात्रा 2021 के लिए रजिस्‍ट्रेशन 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है। 3,880 मीटर ऊँचे भगवान भोले के मंदिर के दर्शन के लिए 56 दिवसीय तीर्थयात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों से होगी। 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त को अमर नाथ यात्रा संपन्‍न होगी।

 

अन्य जानकारी —– तिरुपति बालाजी, केदारनाथ मंदिर, बद्रीनाथ धाम।  के  यात्रा के बारे में  जानने के लिए यहां क्लिक करें।।

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