आशियान (Association of Southeast Asian Nations) - Rajasthan Result

आशियान (Association of Southeast Asian Nations)

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आशियान (Association of Southeast Asian Nations) के प्रथम शिखर सम्मेलन में 24 फरवरी 1976 को एक दक्षिण पूर्वी एशिया की मैत्री और सहयोग की संधि (The Treaty of Amity and Cooperation) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस संधि में यह घोषणा की गई थी कि इस पर हस्ताक्षर करने वाले देश निम्नलिखित मौलिक सिद्धांतों का पालन करेंगे।

 

आशियान

1. सभी राष्ट्र एक दूसरे की स्वतंत्रता संप्रभुता समानता प्रादेशिक अखंडता तथा राष्ट्रीय पहचान का आदर करेंगे।

२. प्रत्येक देश को विदेशी हस्तक्षेप विनाश तथा बल प्रयोग के लिए बिना अपने स्वतंत्र राष्ट्रीय अस्तित्व की रक्षा करने का अधिकार है।

3. एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना।

4. विवादों का शांतिपूर्ण समाधान ।

5. बल प्रयोग या उसकी धमकी का परित्याग करना।

6. आपस में प्रभावी सहयोग।

मैत्री और सहयोग की संधि में प्रावधान किया गया था कि आशियान की सुरक्षा वार्ता तथा सहयोग का उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्रोत्साहित करना होगा तथा क्षेत्रीय लचीलापन को बनाए रखा जाएगा। इस क्षेत्रीय लचीलापन और सहयोग की प्राप्ति सभी क्षेत्रों में निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित होगी आत्मविश्वास आत्मनिर्भरता पारस्परिक सम्मान सहयोग तथा एकता। इन सब सिद्धांतों पर दक्षिण पूर्वी एशिया के सभी राष्ट्रों के सशक्त समुदाय आधारित होगा।

आशियान के द्वारा संपन्न प्रमुख राजनीतिक समझौते इस प्रकार हैं  8 अगस्त 1967 को बैंककाक का आसियान घोषणा पत्र कुआलालंपुर की 27 नवंबर 1971 की शांति के क्षेत्र तटस्था और स्वतंत्रता की घोषणा, बालि का 24 फरवरी 1976 का आसियान समझौता उसी दिन की दक्षिण पूर्वी एशिया में मैत्री और सहयोग की , 22 जुलाई 1993 की दक्षिण चीन सागर की मल्लीना , 15 दिसंबर 1967 की बैंककाक के दक्षिण पूर्वी एशिया में परमाणु अस्त्र मुक्त क्षेत्र की घोषणा तथा कुआलालंपुर कि आसियान 2020 दृष्टि की घोषणा।

सन 1993 में आसियान के राज्याध्यक्षों तथा शासन अध्यक्षों ने घोषणा की थी कि उन्हें राजनीतिक और सुरक्षा मामलों में बाहरी वार्ता को आगे बढ़ाना चाहिए ताकि एशिया प्रशांत क्षेत्र के राज्यों के साथ उनके संबंध प्रगाढ़ बनाई जा सके। 2 वर्ष पश्चात आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना हुई इस मंच का उद्देश्य है क्षेत्र में विश्वास निर्माण अवरोधक कूटनीति तथा संघर्ष समाधान।

क्षेत्रीय मंच के वर्तमान सदस्य हैं ऑस्ट्रेलिया ब्रुनेई दार इस्लाम कंबोडिया कनाडा चीन यूरोपीय संघ भारत इंडोनेशिया जापान दक्षिण कोरिया लाओस मलेशिया म्यामार मंगोलिया न्यूजीलैंड पापुआ—न्यूगिनी फिलिपिंस रूस सिंगापुर थाईलैंड संयुक्त राज्य अमेरिका तथा वियतनाम।

जब से इस मंच की स्थापना हुई है तब से राजनीतिक वार्ता और विश्वास निर्माण के द्वारा किसी तनाव को सशस्त्र संघर्ष का रूप लेने से रोका गया है।

भारत और आसियान

आसियान के साथ भारत का संबंध उसकी विदेश नीति और एक्ट ईस्ट पॉलिसी की नींव का एक प्रमुख स्तंभ है। भारत के पास जकार्ता में आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के लिये एक अलग-अलग मिशन हैं। भारत और आसियान में पहले से ही 25 साल की डायलॉग पार्टनरशिप, 15 साल की समिट लेवल इंटरेक्शन और 5 साल की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है।

यह भी पढ़े 👇

  1. लुथर गुलिक का सिद्धांत Luther Gulick
  2.  उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO)

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