जैव विविधता और पर्यावरण || Biodiversity ||

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जैव विविधता और पर्यावरण

कोप-28

चर्चा में क्यों? 

संयुक्त अरब अमीरात ने वर्ष 2023 में अबू धाबी में ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन’ (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) के कोप-28 (COP-28) की मेज़बानी करने की पेशकश की घोषणा की है।

जैव विविधता और पर्यावरण

COP26 को वर्ष 2020 में स्थगित कर दिया गया जो नवंबर 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो में होगा।

प्रमुख बिंदु: 

UNFCCC के बारे में :—

वर्ष 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन’ (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) पर हस्ताक्षर किये गए, जिसे पृथ्वी शिखर सम्मेलन (Earth Summit), रियो शिखर सम्मेलन या रियो सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है।

भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसने जलवायु परिवर्तन (UNFCCC), जैव विविधता (जैविक विविधता पर सम्मेलन) और भूमि (संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम कन्‍वेंशन) पर तीनों रियो सम्मेलनों के COP की मेज़बानी की है।

21 मार्च, 1994 से UNFCCC लागू हुआ और 197 देशों द्वारा इसकी पुष्टि की गई।

 यह वर्ष 2015 के पेरिस समझौते की मूल संधि (Parent Treaty) है। UNFCCC वर्ष 1997 के क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol) की मूल संधि भी है।

UNFCCC सचिवालय (यूएन क्लाइमेट चेंज) संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई है जो जलवायु परिवर्तन के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करती है। 

 उद्देश्य:

वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता को एक स्तर पर स्थिर करना जिससे एक समय-सीमा के भीतर खतरनाक नतीजों को रोका जा सके ताकि पारिस्थितिक तंत्र को स्वाभाविक रूप से अनुकूलित कर सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP)

यह UNFCCC सम्मेलन का सर्वोच्च निकाय है।

प्रत्येक वर्ष COP की बैठक सम्पन्न होती है, COP की पहली बैठक मार्च 1995 में जर्मनी के बर्लिन में आयोजित की गई थी।

यदि कोई पार्टी सत्र की मेज़बानी करने की पेशकश नहीं करती है तो COP का आयोजन बॉन, जर्मनी में (सचिवालय) में किया जाता है। 

COP अध्यक्ष का कार्यकाल सामान्यतः पांँच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूहों के मध्य निर्धारित किया जाता है जिनमें – अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, मध्य और पूर्वी यूरोप तथा पश्चिमी यूरोप शामिल हैं।

COP का अध्यक्ष आमतौर पर अपने देश का पर्यावरण मंत्री होता है। जिसे COP सत्र के उद्घाटन के तुरंत बाद चुना जाता है।

महत्त्वपूर्ण परिणामों के साथ COPs

वर्ष 1995: COP1 (बर्लिन, जर्मनी)

वर्ष 1997: COP 3 (क्योटो प्रोटोकॉल)

यह कानूनी रूप से विकसित देशों को उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों हेतु बाध्य करता है।

वर्ष 2002: COP 8 (नई दिल्ली, भारत) दिल्ली घोषणा।

सबसे गरीब देशों की विकास आवश्यकताओं और जलवायु परिवर्तन को कम करने हेतु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करता है।

वर्ष 2007: COP 13 (बाली, इंडोनेशिया)

पार्टियों ने बाली रोडमैप और बाली कार्ययोजना पर सहमति व्यक्त की, जिसने वर्ष 2012 के बाद के परिणाम की ओर तीव्रता प्रदान की। इस योजना में पाँच मुख्य श्रेणियांँ- साझा दृष्टि, शमन, अनुकूलन, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण शामिल हैं।

वर्ष 2010: COP 16 (कैनकन)

कैनकन समझौतों के परिणामस्वरूप, जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील देशों की सहायता हेतु सरकारों द्वारा एक व्यापक पैकेज प्रस्तुत किया गया।

हरित जलवायु कोष, प्रौद्योगिकी तंत्र और कैनकन अनुकूलन ढांँचे की स्थापना की गई।

 वर्ष 2011: COP17 (डरबन)

सरकारें 2015 तक वर्ष 2020 से आगे की अवधि हेतु एक नए सार्वभौमिक जलवायु परिवर्तन समझौते के लिये प्रतिबद्ध हैं (जिसके परिणामस्वरूप 2015 का पेरिस समझौता हुआ)।

वर्ष 2015: COP 21 (पेरिस)

वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक समय से 2.0oC से नीचे रखना तथा और अधिक सीमित (1.5oC तक) करने का प्रयास करना।

इसके लिए अमीर देशों को वर्ष 2020 के बाद भी सालाना 100 अरब डॉलर की फंडिंग प्रतिज्ञा बनाए रखने की आवश्यकता है।

वर्ष 2016: COP22 (माराकेश)

पेरिस समझौते की नियम पुस्तिका लिखने की दिशा में आगे बढ़ना।

जलवायु कार्रवाई हेतु माराकेश साझेदारी की शुरुआत की।

2017: COP23, बॉन (जर्मनी)

देशों द्वारा इस बारे में बातचीत करना जारी रखा गया कि समझौता 2020 से कैसे कार्य करेगा।

डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वर्ष की शुरुआत में पेरिस समझौते से हटने के अपने इरादे की घोषणा की।

यह एक छोटे द्वीपीय विकासशील राज्य द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला COP था, जिसमें फिजी ने राष्ट्रपति पद संभाला था।

वर्ष 2018: COP24, काटोवाइस (पोलैंड)

इसके तहत वर्ष 2015 के पेरिस समझौते को लागू करने के लिये एक ‘नियम पुस्तिका’ को अंतिम रूप दिया गया था।

नियम पुस्तिका में जलवायु वित्तपोषण सुविधाएँ और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के अनुसार की जाने वाली कार्रवाइयाँ शामिल हैं।

 

वर्ष 2019: COP25, मैड्रिड (स्पेन)

इसे मैड्रिड (स्पेन) में आयोजित किया गया था।

इस दौरान

बढ़ती जलवायु तात्कालिकता के संबंध में कोई ठोस योजना मौजूद नहीं थी।

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