Earth was as big as the sun what if: पृथ्वी सूरज जितनी बड़ी हो तो क्या होगा? - Rajasthan Result

Earth was as big as the sun what if: पृथ्वी सूरज जितनी बड़ी हो तो क्या होगा?

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यह एक परिकल्पना है हम सोच रहे है अगर पृथ्वी सूरज तेरी बड़ी हो तो क्या होगा ऐसे प्रसन्न हर किसी इंसान के मन में आना स्वाभाविक हे हम बार-बार सोचते हैं कि यह तो क्या होगा तो हमने आज यह परिकल्पना की की पृथ्वी का आकार सूरज के बराबर हो जाए तो क्या होगा तो आइए जानते आप अंत तक पढ़े और यदि पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरुर करें धन्यवाद

 

पेड़ गिर रहे हैं इकोसिस्टम बर्बाद हो रहे हैं और हमारी मूलभूत सुविधाएं तबाह हो रही है फसलें नष्ट हो रही हैं और पानी कम हो रहा है पृथ्वी एक मरे हुए ग्रह में बदल रही है पर अच्छी बात यह है कि जमीन खरीदने के लिए इससे बेहतर वक्त कभी नहीं रहा!

लेकिन जब लोग खुद अपने घर से ही नहीं निकल पाएंगे तो ऐसे वक्त में जमीन खरीदने के बारे में कोई कैसे सोचेगा डिस्टर्ब से उठ ना यस पास लेना तो बहुत दूर की बात है? आप पढ़ रहे राजस्थान रिजल्ट

हर कोई जानता है कि सूरज बड़ा है मेरा मतलब है जरा देखो इसे और यह तो 15 करोड़ किलोमीटर यानी 9 करोड़ 30 लाख मील की दूरी से इतना बड़ा नजर आता है जरा सोचिए अगर आप इसके बगल में खड़े हो तब यह कैसा नजर आएगा छोड़िए सूरज हमारे पूरे सौरमंडल के कुल भार में से 98 फीसदी के बराबर है

और सबसे घने ग्रह यानी हमारी पृथ्वी के मुकाबले सूरज 10 लाख गुना ज्यादा भारी है बल्कि एक पूरे सूरज को भरने के लिए हमें 13 लाख प्रथ्वीयो जो की जरूरत होगी।

पृथ्वी

पृथ्वी

पर क्या हो अगर केवल एक पृथ्वी से काम हो जाए?

अगर पृथ्वी अगर पृथ्वी सूरज के बराबर होती है तो यह बहुत ही अलग जगह होगी जरा सोचिए हमारे पूरे ग्रह के नक्शे का बढ़ जाना कैसा रहेगा महाद्वीप पहल जाएंगे जिनसे उन जगहों पर काफी राहत देखने को मिलेगी जहां बढ़ती आबादी जीवन की एक बड़ी समस्या है और जमीन का एक अच्छा टुकड़ा खरीदन आज की पृथ्वी की तुलना में ज्यादा किफायती होगा पर अब हमें यह भी मानकर चलना होगा कि हमारे ग्रह का पानी और ज्यादा जगह पर फैला होगा।

इसका मतलब इसका मतलब यह हुआ कि झीले नदियां और यहां तक कि समुंद्र भी कम गहरे होंगे जिससे इस पानी का भाप में बदलना यहां तक कि सूखना भी ज्यादा आसान होगा । समुद्री जीवन पर बेशक बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि झिजला पानी सूरज की ज्यादा गर्मी को सोखेगा ।

जिस वजह से वह समुंद्री जीव नहीं जी सकेंगे जिन्हें जिंदा रहने के लिए ठंडे पानी की जरूरत होती है पानी के दूसरे छोटे साधनों के सूखने से जमीन पर मौजूद वन्यजीवों को एक से दूसरी जगह जाकर बसना होगा या साफ पानी के लिए दूर तक का सफर तय करना होगा जिससे उन्हें भी खतरा हो सकता है हम इंसान भी उतनी ही खतरनाक स्थिति में होंगे ना केवल हम बचे हुए साफ पानी के लिए लड़ना शुरू कर देंगे बल्कि हमारी फसलों की पैदावार में भी कमी आने लगेगी।

अनाज की फसलों को उगने और जरूरी पोषक तत्व को सूखने के लिए एक तय मात्रा में मिट्टी की जरूरत होती है अगर हमारी दुनिया सूरज जितनी बड़ी होती है तो पानी की ही तरह हमारी मिट्टी भी बहुत ज्यादा जगह में फैल जाएगी कम मिट्टी का मतलब होगा कम खाना पर खाने की मांग में कोई कमी नहीं आएगी एक और समस्या है जिसके बारे में हमने अब तक नहीं सोचा।

जिसे ध्यान में रखते हुए पृथ्वी पर जीवन लगभग नामुमकिन लगता है पृथ्वी का सूरज के आकार का होना कल्पना करने के लिए भी मुश्किल है पर जब आप एक सूरज के आकार की और सूरज के बराबर वजन वाली पृथ्वी के बारे में सोचते हैं तो इससे केवल हमारे जिंदा रहने पर सवाल नहीं उठते बल्कि हमारा पूरा सौरमंडल गड़बड़ा जाता है जरा सोचिए।

पृथ्वी के सूरज के बराबर होने से आप चांद को भी तो खो देंगे लेकिन अगर एक ग्रह में ज्यादा वजन हो तो इसका गुरुत्वीय खिंचाव भी ज्यादा होता है। इस केस में पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण मौजूदा के मुकाबले 28 गुना ज्यादा होगा यह आप पर कैसे असर डालता है इस पर हम थोड़ी देर में आते हैं।

लेकिन पहले बड़ी तस्वीर पर एक नजर डालते हैं हमारा सौरमंडल जिस तरह से चलता है उसके पीछे की वजह है सूरज का इतना ज्यादा भार इसका गुरुत्वीय खिंचाव जो कि दूसरे ग्रह को इसकी ऑर्बिट में खींचता है।

इस वक्त सूरज हमारे सौरमंडल के 98 फ़ीसदी भार के बराबर है

पर अब इन दोनों के पास हमारे सौरमंडल का 49–49 फीस दी बाहर होगा । सौरमंडल का क्या इससे किसी तरह का बायनरी सिस्टम बन जाएगा जिसमें सूरज और पृथ्वी एक दूसरे के चक्कर लगाएंगे? क्या इस नई दुश्मनी से हमारे सौरमंडल के दूसरे ग्रहों के ऑर्बिट पर भी असर पड़ेगा? और क्या इतने बड़े हुए गुरुत्वीय खिंचाव का मतलब होगा पृथ्वी से और ज्यादा एस्ट्रॉयड का टकराना? एस्ट्रॉयड से बढ़कर चिंता करने के लिए बहुत कुछ होगा शायद हमारी सेटेलाइट वापस पृथ्वी पर गिर पड़े और इस बढ़े हुए गुरुत्व खिंचाव के दबाव में हमारी इमारतें और पुल भी बर्बाद हो जाएं।

केवल मोटे करने वाले पेड़ जमीन पर खड़े रह जाएंगे पर यह होना तो काफी मुश्किल है कि इसके अलावा दूसरी चीजें इस बड़ हुए भार को सह पाए। आपका वजन भी बढ़ जाएगा और आप शायद कहीं भी चल कर ना जा सके! सोचिए। अगर अभी पृथ्वी पर आपका वजन 50 किलोग्राम है तो आपको ऐसा महसूस होगा कि सूरज के आकार की पृथ्वी पर आप का वजन 14 सो किलोग्राम हो गया है।

एक खतरनाक मोड़ यह भी होगा कि जैसे-जैसे गुरुत्वाकर्षण बढ़ेगा वक्त धीमा पड़ता जाएगा तो हो सकता है आप लंबा जी सके पर यह लंबी जिंदगी शायद दर्द के साथ बिस्तर पर पड़े हुए ही बीतेगी। जिंदगी के साथ बिस्तर पर पड़े खुशकिस्मती से हम इस बुरे सपने वाली नींद से उठ सकते हैं क्योंकि पृथ्वी कभी सूरज इतनी बड़ी नहीं होगी!

बल्कि हमारा ग्रह असल में छोटा होता जा रहा है! हमारे वातावरण में छेद है और हम हर दिन सैकड़ों टर्न बार होते जा रहे हैं तो 1 लंबी गहरी सांस लें और खुश हो कि सांस लेना इतना आसान है! किसी भी चीज के अनुपात के साथ छेड़छाड़ का ख्याल हमेशा अच्छा साबित नहीं होता और जरूरी नहीं कि बड़ा मतलब अच्छा ही हो पर हां क्या कभी यह सोचा है अगर सूरज पृथ्वी से छोटा हो तो जिंदगी कैसे होगी?

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