स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन- शहरी
15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 68वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर स्वच्छता कार्यक्रम को सरकार का उच्च प्राथमिकता कार्यक्रम घोषित किया गया।
इसी को ध्यान में रखते हुए 02 अक्टूबर, 2014 से पूरे देश में स्वच्छ भारत मिशन शहरी का शुभारंभ किया गया।
जन-सहभागिता और नागरिकों के सक्रिय सहयोग से 02 अक्टूबर, 2019 तक संपूर्ण भारत में उच्च स्तर की स्वच्छता सुनिश्चित किए जाने का लक्ष्य रखा गया था।
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स्वच्छ भारत मिशन
शहरी भारत को खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free- ODF) बनाने और नगरपालिका के ठोस कचरे के 100% वैज्ञानिक प्रबंधन के उद्देश्य से 2 अक्टूबर, 2014 को SBM-U का पहला चरण शुरू किया गया था जो अक्टूबर 2019 तक चला।
स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख घटक
1. खुले में शौच से मुक्ति (ODF)- प्रदेश की 196 नगरीय निकायों को ओडीएफ घोषित कर क्वालिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।
2. घरेलु शौचालयों का निर्माण- निकाय द्वारा शौचालय विहीन घरों का सर्वे कर लाभार्थियों को शौचालय निर्माण के लिए 12000 रू अनुदान दिया जा रहा है जिसमें भारत सरकार, राज्य सरकार तथा नगरीय निकाय प्रत्येक की भागीदारी 4000-4000 रू है।
3. सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण- भारत सरकार के निर्देशानुसार सार्वजनिक स्थानों पर सामूदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें प्रति सीट 52,267 रू का अनुदान दिया जा रहा है जिसमें भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा देय अनुदान क्रमश: 39200 तथा 13067 रू है। वर्तमान में सभी 196 नगरीय निकायों को थर्ड पार्टी द्वारा ओडीएफ प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।
4. ठोस कचरा प्रबंधन- नगरपालिकाओं के इसके प्रबंधन हेतु 560 रू प्रति व्यक्ति अनुदान दिया जा रहा है जिसमें भारत सरकार तथा राजस्थान सरकार का शेयर क्रमशः 420 तथा 140 रू है। सभी 196 निकायों से घर पर से कचरा संग्रहण, परिवहन तथा प्रबंधन किया जा रहा है। अब तक राज्य में 13 प्रोसेसिंग प्लाण्ट तथा 98 मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी लगायी जाकर कचरे से खाद, आरडीएफ तथा बायोगैस बनाई जा रही है ।
5. जागरूकता कार्यक्रम- स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार प्रसार होर्डिंग्स, बैनर, यूनिपोल, फ्लैक्स, बैंक पैनल, कठपुतली तथा नुक्कड़ नाटक, रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से किया जा रहा है।
6. क्षमता संवर्धन- नगरीय अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति सजगता हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला तथा अच्छे कार्य करने वाले निकायों का भ्रमण कराकर क्षमतावर्धन किया जा रहा है।
7. स्वच्छता सर्वे- राजस्थान राज्य ने स्वच्छता सर्वे 2021 में देश में 12वीं रैंक प्राप्त की। डूंगरपुर नगर परिषद को साफ सुथरा शहर तथा कचरा मुक्त शहर दोनों ही श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। स्वच्छता सर्वे 2022 का मूल्यांकन जुलाई 2021 फरवरी, 2022 के लिए किया गया। इसका फिल्ड एसेसमेंट 1 मार्च 2022 को किया गया इसमें नगरीय निकायों को उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर 7500 अंकों में से रैंकिंग प्रदान की गयी ।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0
बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U के पहले चरण की निरंतरता है। इसे अगले पांच वर्षों में ‘कचरा मुक्त शहरों’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिये 1 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च किया गया था।
सरकार शौचालयों से सुरक्षित प्रवाह, मल कीचड़ के निपटान और सेप्टेज का उपयोग करने का भी प्रयास कर रही है। इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से वर्ष 2026 तक पांच वर्षों में लागू किया जाएगा।
ODF, ODF+ और ODF++ प्रोटोकॉल
ODF मानदंड के तहत सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के नियमित इस्तेमाल के लिये उनकी कार्यात्मकता और उचित रखरखाव को सुनिश्चित करते हुए इनके संचालन व रख-रखाव पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये।
ODF+ मानदंड के तहत व्यक्ति को खुले में शौच या मूत्रत्याग नहीं करना चाहिये। सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव और साफ-सफाई की जानी चाहिये।
ODF++ मानदंड के तहत शौचालयों से मल और कीचड़ का सुरक्षित निस्तारण करने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाता है कि ऐसा कोई भी अशोधित कीचड़ खुले नालों, जल निकायों या खुले में न बहा दिया जाए।
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