2021 mein Hanuman Jayanti Kab Hai । 2021 में हनुमान जयंती कब है
Hanuman Jayanti हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है, इस दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। खासकर हनुमान जयंती पर ये देखा जाता है की इस दिन दान पुनः करना बहुत ही लाभकारी होता है। मंदिरो में या कई अन्य जगहों पर हनुमान जयंती के दिन भंडारे और खाने पीने की व्यवस्था की जाती है। हर साल हनुमान जयंती का पर्व अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, चलिए फिर अब जानते है की 2021 में हनुमान जयंती कब है (2021 mein Hanuman Jayanti Kab Hai) ?
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2021 में हनुमान जयंती कब है – 2021 mein Hanuman Jayanti Kab Hai
Hanuman Jayanti 2021- हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार चैत्र के महीने में मनाया जाता है। हनुमान जी को अपनी माता के नाम यानि अंजनी पुत्र और राम भक्त के नाम से भी जाना जाता है।
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2021 mein Hanuman Jayanti Kab Hai – साल 2021 में हनुमान जयंती 27 अप्रैल दिन मंगलवार की है, कहा जाता है की हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था और इसलिए मंदिरो में किये जाने वाले प्रवचन सूर्योदय से पहले शुरू होते है और सूर्योदय के बाद रुक जाते है।
हनुमान जयंती 2021 का शुभ मुहूर्त – Hanuman Jayanti 2021 Pujan Muhurat Time
Hanuman Jayanti Puja Shubh Muhurat 2021- जैसा की हमने बताया की हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, ऐसे में चैत्र पूर्णिमा का प्रारम्भ 26 अप्रैल 2021, सोमवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर प्रारम्भ हो रहा है और इसका समापन 27 अप्रैल 2021, मंगलवार को सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर होगा। ऐसे में हनुमान जयंती 27 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती की पूजा विधि क्या है (Hanuman Jayanti 2021 Puja Vidhi)
कहा जाता है की Hanuman Jayanti के दिन जो भी व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति और दर्शन करता है तो उसके सभी दुःख और दर्द दूर हो जाते है। इस Hanuman Jayanti के लिए पूजा विधि कुछ इस प्रकार है।
Hanuman Jayanti के दिन सुबह सवेरे उठकर सीता राम और हनुमान जी को याद करें।
सुबह स्नान करके ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें और हनुमान जी की मूर्ति मान्यता अनुसार खड़ी मुद्रा में होनी चाहिए।
पूजा के समय “ॐ श्री हनुमंते नमः” का जाप करें।
हनुमान जी के सिंदूर लगाए भी और चढ़ाये भी, उसके बाद पान चढ़ाये।
इस दिन रामचरितमानस के सुन्दर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
आरती के बाद गुलदाने या फिर गुड़-चने का प्रसाद बाटे तो बढ़िया होगा।
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