Kumar Neeraj, Author at Rajasthan Result - Page 2 of 47

Author: Kumar Neeraj

खरगोशों का कष्ट : रामदयाल मुंडा Khargoshon Ka Kasht : Ram Dayal Munda

खरगोशों का कष्ट : रामदयाल मुंडा एक बार एक जंगल के खरगोशों ने एक बड़ी सभा बुलाई। सभा बुलाने का उद्देश्य था कि हम कैसे सिंहों के मुँह से बच सकेंगे, दिन-दिन उस जंगल...

राखालदास बनर्जी

राखालदास बनर्जी || R. D. Banerji ||

राखालदास बनर्जी भारतीय पुरातत्त्वज्ञ और प्राचीन इतिहासकार राखालदास बनर्जी का जन्म 12 अप्रैल, 1885 को बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था।  प्रारम्भिक शिक्षा के पश्चात् उन्होंने कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से इतिहास में एम....

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस International Museum Day

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस प्रतिवर्ष 18 मई को संग्रहालयों के संदर्भ में लोगों में जागरूकता बढ़ाने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के...

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन किया जाता है।   वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) ने जैव विविधता के मुद्दों...

राजा राम मोहन राय

राजा राम मोहन राय

राजा राम मोहन राय राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई, 1772 को बंगाल के राधानगर में एक रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राजा राम मोहन राय की प्रारंभिक शिक्षा फारसी और...

मोतीलाल नेहरू

मोतीलाल नेहरू का जीवन परिचय

मोतीलाल नेहरू ▪️ प्रख्यात वकील और राजनीतिज्ञ पंडित मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई, 1861 को आगरा में हुआ था। ▪️ मोतीलाल नेहरू कश्मीर से थे, लेकिन अठारहवीं शताब्दी की शुरुआत से ही दिल्ली...

अंधा युग की समकालीन

अंधा युग की समकालीन प्रासंगिकता पर विचार कीजिए

अंधा युग की समकालीन :— द्वितीय महायुद्ध के उपरांत प्रगतिवाद जब पूर्णतः साम्यवा. खेमे में आ गया तो हिन्दी के कुछ उत्साही नये कवियों ने सन् 1943 में तार सप्तक’ नाम से एक काव्य...

कामायनी एक फैन्टेसी

कामायनी एक फैन्टेसी | कामायनी आधुनिक काव्य होते हुए भी एक फेंटेसी है इस कथन की मीमांसा कीजिए

कामायनी एक फैन्टेसी ‘कामायनी’ हिन्दी साहित्य की बहुचर्चित कृति है और इसकी गणना आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य के रूप में की जाती है। प्रसाद जी ने ‘कामायनी’ में इतिहास; पुराण, दर्शन, धर्म,...

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