Kumar Neeraj, Author at Rajasthan Result - Page 3 of 47

Author: Kumar Neeraj

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस

विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस :— प्रतिवर्ष 26 अप्रैल को नवाचार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने और इस संबंध में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस मनाया जाता है। यह...

विश्व मलेरिया दिवस

विश्व मलेरिया दिवस || 2023 ||

विश्व मलेरिया दिवस :— आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है । बरसात या वातावरण में नमी के...

स्वच्छ भारत मिशन

स्वच्छ भारत मिशन

स्वच्छ भारत मिशन- शहरी 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 68वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर स्वच्छता कार्यक्रम को सरकार का उच्च प्राथमिकता कार्यक्रम घोषित किया गया। इसी को ध्यान में...

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन

  राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन एक केन्द्र प्रवर्तित योजना है। आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 23 सितंबर, 2013 को मौजूदा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (SJSRY) के स्थान पर राष्ट्रीय...

गोदान के प्रमुख

गोदान के प्रमुख पात्रों का परिचय दीजिए |

गोदान के प्रमुख पात्रों का परिचय :—  अपने उपन्यासों के पात्रों के खोलना ही उपन्यास का मूलमंत्र है जीवन ही हमारे समक्ष उपस्थित कर देते कोई व्यक्तिगत पहचान दूसरी ओर व्यक्तिगत विवशता भी कूट-कूट...

बैठे मारुति देखते

बैठे मारुति देखते रामचरणारविन्द | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला |

  बैठे मारुति देखते रामचरणारविन्द, युग ‘अस्ति नास्ति’ के एक रूप, गुणगण अनिन्द्य, साधना मध्य भी साम्य वामा कर दक्षिणपद, दक्षिण करतल पर वाम चरण, कपिवर, गद् गद् पा सत्य सच्चिदानन्द रूप, विश्राम धाम,...

घनानन्द का विरह वर्णन

घनानन्द का विरह वर्णन | घनानन्द |

  घनानन्द का विरह वर्णन :— वास्तव में घनानन्द कवि के काव्य को विरह काव्य कह सकते है। इन्होंने शृंगार रस में भी वियोग पक्ष को महत्व दिया है। इनका वियोग वर्णन मार्मिकता को...

समाज सुधार की दृष्टि

समाज सुधार की दृष्टि से भारतेन्दु की कविताओं के महत्व पर प्रकाश डालें।

समाज सुधार और नवजागरण पश्चिमी सभ्यता के साथ पहले सम्पर्क में आने के कारण पश्चिमी बंगाल में नए विचारों का प्रादुर्भाव भी पहले ही हो गया। मध्यकालीन भारतीय समाज की रुढ़िवादिता, संकीर्णता, अंधविश्वासी चेतना...

रीतिकालीन काव्य और घनानंद

रीतिकालीन काव्य और घनानंद

रीतिकालीन काव्य और घनानंद रीतिकाल के मध्याह्न के कृती कवि हैं, मतिराम, भूषण, बिहारी आदि उनके पूर्ववर्ती हैं और चिन्तामणि, तोष, देव, पद्माकर आदि परवर्ती। इतिहास में यह वह काल था जब मुगलों का...

भक्तिन का चरित्र चित्रण

भक्तिन का चरित्र चित्रण | स्मृति की रेखाएं | महादेवी वर्मा |

भक्तिन का चरित्र चित्रण :— महादेवी जी के प्रायः सभी रेखाचित्रों में महत्वपूर्ण भूमिका अभिनीत करने वाली भक्तिन को यदि उद्दाम जिजीविषा एवं सेवाधर्मिता का प्रतीक स्वीकारा जाय तो अत्युक्ति न होगी। उसके चरित्र...

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