BRIHASPATI (GURUVAR) JI KI AARTI - आरती श्री बृहस्पति देव की - Rajasthan Result

BRIHASPATI (GURUVAR) JI KI AARTI – आरती श्री बृहस्पति देव की

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वीरवार को भगवान बृहस्पति (BRIHASPATI) की पूजा का विधान है। बृहस्पति (BRIHASPATI) देवता को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है। वीरवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विधा, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख तथा शांति रहती है। गुरुवार का व्रत जल्दी विवाह करने के लिये किया जाता है।

BRIHASPATI (GURUVAR) JI KI AARTI

 

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा ।

छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।

जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

 

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