Hindi Sahitya Archives - Page 4 of 21 - Rajasthan Result

Category: Hindi Sahitya

मधु-कैटभ नाम धरे

मधु-कैटभ नाम धरे तिनके | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह |

  मधु-कैटभ नाम धरे तिनके। अति दीरघ देह भये जिनके। तिने देखि लोकेस डरौ हिय में। जग-मातु कौ ध्यान धरौ जिय में ॥9॥ मधु-कैटभ नाम धरे प्रसंग : यह पद्य दशम गुरु गोविंद सिंह...

छुटी चंडि जागे विसनु

छुटी चंडि जागे विसनु | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह |

  छुटी चंडि, जागे विसनु , करौ युद्ध कौ साजु ।  देत सबै घटि जाहिं जिहिं, बढ़े देवतन राजु ॥10॥ छुटी चंडि जागे विसनु प्रसंग : प्रस्तुत पद्य दशम गुरु गोविंद सिंह की रचना...

युद्ध करौ तिन सौ भगवन्त

युद्ध करौ तिन सौ भगवन्त न मारि सकै | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह |

  युद्ध करौ तिन सौ भगवन्त न मारि सकै अति दैत बली हैं।  साल भये तिन पंच हजार दुहू लड़ते नहि बाँह टली है।  दैतन रीझि कहौ ‘वर मांगि’, कहा हरि ‘सीसन देहि’ भली...

देवन थाप्यौ राज

देवन थाप्यौ राज, मधु-कैटभ कौं मारिकें | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह |

  देवन थाप्यौ राज, मधु-कैटभ कौं मारिकें | दीनौ सकल समाज, बैकुंठगामी हरि भये ॥12॥ देवन थाप्यौ राज प्रसंग : प्रस्तुत पद्य दशम गुरु गोविंद सिंह की रचना ‘चण्डी- चरित्र’ के प्रथम अध्याय के...

कृष्ण के प्रति मीरा

कृष्ण के प्रति मीरा की भक्ति का वैशिष्ट्य निर्धारित कीजिए |

कृष्ण के प्रति मीरा की भक्ति :– मीरा की कृष्ण भक्ति श्रीकृष्ण के सगुण स्वरूप के प्रति माधुर्य भाव की भक्ति है। इस भक्ति को प्रेमाभक्ति या मधुरा भक्ति भी कहा जाता है। मधुराभक्ति...

मीरा की भक्ति में उनके

मीरा की भक्ति में उनके जीवनानुभवों की सच्चाई और मार्मिकता है, कथन से आप कहां तक सहमत हैं ?

मीरा की भक्ति में उनके जीवनानुभवों की सच्चाई :– मीरा पन्द्रहवीं शताब्दी में संपूर्ण भारत में व्यापक रूप से प्रसारित वैष्णव भक्ति आंदोलन की मूल्यवान कड़ी है। उनके काव्य में भक्ति आंदोलन की प्रगतिशील...

मीरा के काव्य में पुरूष

मीरा के काव्य में पुरूष सत्तात्मकता और रूढ़िवादिता का तीखा विरोध मिलता है, कथन की विवेचना कीजिए |

मीरा के काव्य में पुरूष सत्तात्मकता और रूढ़िवादिता :– मीरा का समय सन् 1498 से 1545 तक माना जाता है। वे राजस्थान के प्रसिद्ध राठौर राजा जोधा जी के पुत्र राव दूदा जी की...

मीरा को आधुनिक स्त्री

मीरा को आधुनिक स्त्री क्यों कहा जा सकता है? मीरा ने कौन-कौन से स्वतंत्र निर्णय लिए ?

मीरा को आधुनिक स्त्री :– साहित्य समाज का दर्पण है। जब वह युगीन यथार्थ को प्रतिबिंबित करता है तो उसका लक्ष्य दोहरा होता है। एक लक्ष्य है युगीन विकृतियों, विसंगतियों और रुग्णताओं को विश्लेषण...

मीरा के स्त्री विमर्श

मीरा के स्त्री विमर्श की सीमाएँ स्पष्ट कीजिए |

मीरा के स्त्री विमर्श :– स्त्रीवादी आलोचना, मीरा के समूचे काव्य को उत्पीड़ित स्त्री के आर्तनाद और विरहिणी प्रिया के मार्मिक हाहाकार का प्रामाणिक दस्तावेज मानती है। स्त्री के निजी जीवन की अनुभूतियाँ और...

जायसी का व्यक्तित्व

जायसी का व्यक्तित्व और रचना-संसार | जायसी |

जायसी का व्यक्तित्व :—  मलिक मुहम्मद जायसी निर्गुण भक्ति काव्यधारा की प्रेमाश्रयी शाखा, जिसे सूफी काव्य के रूप में भी जाना जाता है, के प्रतिनिधि कवि हैं। जायसी के काव्य में सूफी आराधना के...

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