Hindi Sahitya Archives - Page 8 of 21 - Rajasthan Result

Category: Hindi Sahitya

बहुत बड़ा सवाल का सारांश

बहुत बड़ा सवाल का सारांश | मोहन राकेश |

बहुत बड़ा सवाल का सारांश :– इस एकांकी में कथा और घटनाओं का नितांत अभाव है। इसमें लो ग्रेड वर्कर्स वेलफेयर सोसाइटी की एक बैठक को विषय बनाया गया है। बैठक की एक महत्वपूर्ण...

जूठन आत्मकथा का सारांश

जूठन आत्मकथा का सारांश | ओमप्रकाश वाल्मीकि |

जूठन आत्मकथा का सारांश :– आत्मकथा के एक छोटे और आरंभिक अंश का आपने अध्ययन किया है। पिछली इकाइयों में जिस तरह आपने कहानी और निबंध के सार का अध्ययन किया है, वैसा यहाँ नहीं...

मीराबाई की भक्ति-भावना

मीराबाई की भक्ति-भावना | मीराबाई की कृष्ण भक्ति के स्वरूप की विवेचना कीजिए

मीराबाई की भक्ति-भावना :– भारतीय परंपरा में भक्ति को प्रेमरूप एवं अमृतस्वरूप कहा गया है। इसी प्रेमा-भक्ति की निष्ठा को लेकर मीरा भक्तिकाव्य में उभरती हैं। मीरा का सीधा संबंध किसी वैष्णव सम्प्रदाय से...

गोदान में भारतीय किसानों

गोदान में भारतीय किसानों की वेदना की अभिव्यक्ति किन रूपों में हुई है ?

गोदान में भारतीय किसानों की वेदना की अभिव्यक्ति – प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में संपूर्ण भारतवर्ष के किसानों के दुःख-दर्द का चित्रण नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ उत्तर भारत में ज़मींदारी-प्रथा के भीतर रहने...

कार्ल मार्क्स का परिचय

कार्ल मार्क्स का परिचय | कार्ल मार्क्स का साहित्य चिन्तन

कार्ल मार्क्स का परिचय कार्ल मार्क्स का परिचय “जिस तरह डार्विन ने प्राणी जगत के विकास के सिद्धांत का आविष्कार किया था उसी प्रकार मार्क्स ने मानव इतिहास के विकास के सिद्धांत का आविष्कार...

कार्ल मार्क्स का साहित्य

कार्ल मार्क्स का साहित्य चिन्तन :- Marx’s literary thought

कार्ल मार्क्स का साहित्य चिन्तन :- काव्य शास्त्र और समालोचना विषयक कार्यक्रम की इस इकाई में आप सर्वप्रथम कार्ल मार्क्स के उन मौलिक आधारों के बारे में पढ़ेंगे जिन पर उनका चिन्तन टिका है...

वैष्णव की फिसलन की

वैष्णव की फिसलन की भाषा शैली की विशेषताएं लिखिए |

वैष्णव की फिसलन की भाषा वैष्णव की फिसलन की भाषा “बैठक में आकर धर्म को धंधे से जोड़ते हैं। धर्म धंधे से जुड़ जाए, इसी को योग कहते हैं।” “कर्ज लेने वाले आते हैं...

गोदान का मूल्यांकन

किसान जीवन के संदर्भ में गोदान का मूल्यांकन कीजिए |

गोदान का मूल्यांकन :–  “गोदान’ में होरी-धनिया “मोटा-झोटा खाकर मरजाद के साथ रहना” चाहते हैं। वे एक किसान के रूप में जीवन बसर करते रहने के लिए प्रयत्नशील हैं। गाय पालने की एक छोटी-इच्छा...

गोदान उपन्यास का सारांश

गोदान उपन्यास का सारांश | प्रेमचंद |

गोदान उपन्यास का सारांश :– इस इकाई का आपने ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है, आपने यह निश्चित रूप से महसूस किया होगा कि प्रेमचंद का ‘गोदान ‘ किसान जीवन के संघर्ष को अभिव्यक्त करने वाली...

वैष्णव की फिसलन व्यंग्य

वैष्णव की फिसलन व्यंग्य निबंध का प्रतिपाद्य | हरिशंकर परसाई |

वैष्णव की फिसलन व्यंग्य निबंध :—  आपने इस निबंध को पढ़ने तथा इसकी बहुत सारी विशेषताओं की जानकारी प्राप्त करने के बाद इसकी रचना-पद्धति और प्रकृति में एक नयापन देखा होगा। यहाँ निबंध के,...

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