shiv aarti : om jai shiv omkara । शिवजी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा - Rajasthan Result

shiv aarti : om jai shiv omkara । शिवजी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे 👇

shiv aarti : Om Jai Shiv Omkara ।। शिवजी की आरती : ओम जय शिव ओंकारा ।।

भगवान शिव को जहां एक तरफ क्रोध और कोप का देव माना जाता है वहीं दूसरी ओर उन्हें एक ऐसा देव भी माना जाता है जो सुर और असुर दोनों की मनोकामना पूरी करते हैं और उनके लिए कोई छोटा या बड़ा नहीं है।

भगवान शिव की अर्धांगिनी माता पार्वती हैं और पुत्र गणेश और कार्तिकेय. भगवान शिव के मन्त्र-उपासना में पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय तथा महामृत्युंजय विशेष प्रसिद्ध हैं।

 

अगर आपको भी लगता है कि भगवान की भक्ति करनी मुश्किल है या उन्हें प्रसन्न करने में बहुत तपस्या करनी पड़ती है तो अपने इस विचार को दूर करके भगवान शिव की आराधना कीजिए।

 

shiv aarti

 

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥

ॐ जय शिव…॥

 

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥

ॐ जय शिव…॥

 

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥

ॐ जय शिव…॥

 

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥

ॐ जय शिव…॥

 

 

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥

ॐ जय शिव…॥

 

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥

ॐ जय शिव…॥

 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥

ॐ जय शिव…॥

 

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥

ॐ जय शिव…॥

 

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥

ॐ जय शिव…॥

 

Also Read shiv tandav stotram

 

आशा करता हु कि आपको हमारे द्वारा दी गई shiv ji ki aarti पसंद आई होगी। आप हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें और अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में दे ताकि हम उन पर और विचार कर सके । और अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करे ।। धन्यवाद ।।

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे 👇

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!