आदि अपार अलेख अनंत अकाल | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह ||
आदि अपार अलेख अनंत अकाल अभेख अलक्ख अनासा | कै शिवशक्ति, दये सुति चार, रजो-तम-सत्त तिहू पुर वासा | द्यौस-निसा ससि सूर के दीप, सु सृष्टि रची पंच तत्व प्रकासा | वैर बढ़ाई...
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