घनानंद का शृंगार-वर्णन | घनानंद |
घनानंद का शृंगार-वर्णन :- स्त्री पुरुष के परस्पर आकर्षण से उत्पन्न सुखात्मक भाव का नाम शृंगार है। इसका स्थायी भाव रति अथवा प्रेम है। नायिका इसका आलंबन विभाव और प्रकृति का अनुकूल सौन्दर्य उद्दीपन...
घनानंद का शृंगार-वर्णन :- स्त्री पुरुष के परस्पर आकर्षण से उत्पन्न सुखात्मक भाव का नाम शृंगार है। इसका स्थायी भाव रति अथवा प्रेम है। नायिका इसका आलंबन विभाव और प्रकृति का अनुकूल सौन्दर्य उद्दीपन...
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