मधु-कैटभ नाम धरे तिनके | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | चण्डी- चरित्र | गुरु गोविंद सिंह |

  मधु-कैटभ नाम धरे तिनके। अति दीरघ देह भये जिनके। तिने देखि लोकेस डरौ हिय में। जग-मातु कौ ध्यान धरौ जिय में ॥9॥ मधु-कैटभ नाम धरे प्रसंग : यह पद्य दशम गुरु गोविंद सिंह...