मीरा के स्त्री विमर्श की सीमाएँ स्पष्ट कीजिए |
मीरा के स्त्री विमर्श :– स्त्रीवादी आलोचना, मीरा के समूचे काव्य को उत्पीड़ित स्त्री के आर्तनाद और विरहिणी प्रिया के मार्मिक हाहाकार का प्रामाणिक दस्तावेज मानती है। स्त्री के निजी जीवन की अनुभूतियाँ और...
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