रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिये।

रीतिकालीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियों संस्कृत की दरबारी काव्य परंपरा का रीतिवाद इस काल की स्थिति परिस्थिति का सहारा पाकर प्रबल हो गया। इस रीतिवादी प्रबलता में प्रधान रूप से अलंकार-निरूपण, शृंगार चित्रण, बारहमासा...