लौटे युग दल राक्षस पदतल पृथ्वी टलमल | कविता की संदर्भ सहित व्याख्या | राम की शक्ति पूजा |
लौटे युग दल । राक्षस पदतल पृथ्वी टलमल, बिंध महोल्लास से बार बार आकाश विकल। वानर वाहिनी खिन्न, लख निज पति चरणचिह्न चल रही शिविर की ओर स्थविरदल ज्यों विभिन्न। प्रशमित हैं वातावरण, नमित...
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