विद्यापति की कविता में प्रेम और शृंगार के स्वरूप पर सोदाहरण प्रकाश डालिए |
विद्यापति की कविता में प्रेम और शृंगार :– विद्यापति की ‘पदावली’ के पद दो तरह के हैं- शृंगारिक पद और भक्ति पद । इसके अलावा कुछ ऐसे पद भी हैं, जिनमें प्रकृति, समाज, नीति,...
विद्यापति की कविता में प्रेम और शृंगार :– विद्यापति की ‘पदावली’ के पद दो तरह के हैं- शृंगारिक पद और भक्ति पद । इसके अलावा कुछ ऐसे पद भी हैं, जिनमें प्रकृति, समाज, नीति,...
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