डॉ. नगेंद्र की आलोचना दृष्टि
डॉ. नगेंद्र की आलोचना दृष्टि :— शुक्लोत्तर हिंदी आलोचना के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय रहकर प्रभूत ग्रंथों की रचना एवं संपादन करने वालों में डॉ. नगेंद्र सर्वोपरि हैं। अपनी पहली आलोचनात्मक निबंध ‘छायावाद‘ (1937ई.)...
डॉ. नगेंद्र की आलोचना दृष्टि :— शुक्लोत्तर हिंदी आलोचना के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय रहकर प्रभूत ग्रंथों की रचना एवं संपादन करने वालों में डॉ. नगेंद्र सर्वोपरि हैं। अपनी पहली आलोचनात्मक निबंध ‘छायावाद‘ (1937ई.)...
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