उदयपुर के पर्यटक स्थल | Places to Visit in Udaipur in Hindi | Udaipur Tourism
अरावली पर्वतमाला की गोद में बसा हुआ उदयपुर शहर राजस्थान के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। यह खूबसूरत शहर एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के साथ-साथ दुनिया का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन वेडिंग स्पॉट भी है। उदयपुर में बने हुए अधिकांश राजपरिवार महलों को होटल्स में बदल दिया गया है, इन सभी होटल्स पर अभी मेवाड़ के राजपरिवार का ही मालिकाना अधिकार है।
एक राजसी माहौल में रहने के लिए पैसे खर्च करने वालों के लिये उदयपुर किसी स्वर्ग से कम नहीं है। फतेह प्रकाश पैलेस, जग मंदिर, लेक पैलेस ईन सभी महलों को समय की मांग के अनुसार आलीशान होटलों में बदल दिया गया है। अगर आपको कभी भी एक राजा की तरह रहने की इच्छा हुई है, या फिर आप एक राजा की तरह शादी करना चाहते है, तो आप एक मोटी धनराशि खर्च करके इन महलों में रुक कर एक आलीशान महल में रूकने का अनुभव प्राप्त कर सकते है।
और अगर आप को राजा-महाराजों के जैसे शादी करने की इच्छा है तो उदयपुर दुनिया की सबसे अच्छी जगहों में से एक है बस आप को थोड़ा पैसा ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। पिछोला झील के मध्य भाग में स्थित लेक पैलेस दुनिया की सबसे महंगी शादियों का गवाह रह चुका है। उदयपुर शहर के आसपास का सुंदर प्राकृतिक परिदृश्य और शहर का राजसी माहौल हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
इसी माहौल की वजह से उदयपुर शहर में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते है। उदयपुर के चारों तरफ फैली हुई अरावली पर्वतमाला की वजह से इस क्षेत्र में हमेशा से ही बहुत अधिक बारिश होती रही है। यहाँ बहने वाली अधिकांश बरसाती नदियों की वजह से उस समय हर वर्ष बाढ़ की स्थित बन जाती थी, और इस वजह से इस क्षेत्र में रहने वाली आम जनता को बहुत भारी नुकसान का सामना करना पड़ता था।
इसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में छोटे-बड़े बांधो का निर्माण किया गया ताकि बाढ़ के पानी से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। बांधो के निर्माण के साथ-साथ आम जनता को पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े इसलिए उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में मीठे पानी की झीलों का भी निर्माण करवाया गया। इसी वजह से आज उदयपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में मीठे पानी की झीलों की संख्या ज्यादा है।
Table of Contents
स्वरूप सागर झील उदयपुर – Swaroop Sagar Lake Udaipur in Hindi
उदयपुर में स्थित स्वरूप सागर झील पिछोला झील और फतेहसागर झील को जोड़ने का काम करती है। स्वरूप सागर झील एक मीठे पानी की कृत्रिम झील है| स्वरूप सागर झील निर्माण महाराणा स्वरूप सिंह (1842-1861) ने अपने शासनकाल के दौरान पिछोला झील और फतेहसागर झील को जोडने के लिए करवाया था|
इस झील के निर्माण की मुख्य वजह पिछोला झील और फतेहसागर झील के जलस्तर को बराबर रखना था| महाराणा स्वरूप सिंह के सम्मान में इस झील का नाम स्वरूप सागर रखा गया था। स्वरूप सागर झील को उदयपुर के स्थानीय निवासी कुम्हारिया तालाब के नाम से भी पुकारते है। उदयपुर में स्वरूप सागर झील जगदीश मंदिर के पीछे स्थित है।
आप शाम के समय स्वरूप सागर झील के किनारे पर बैठ कर झील आसपास स्थित खूबसूरत दृश्यों का भरपूर आनंद ले सकते है।
स्वरूप सागर झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Swaroop Sagar Lake Udaipur Timings in Hindi
सुबह 08:00 बजे से शाम 06:30 बजे तक।
स्वरूप सागर झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Swaroop Sagar Lake Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
स्वरूप सागर झील उदयपुर में बोट राइड का शुल्क – Swaroop Sagar Lake Udaipur Boat Ride Ticket Price in Hindi
01 रेगुलर बोट राइड – 30/- प्रति व्यक्ति
02 मोटर बोट राइड – 200/- प्रति व्यक्ति
03 स्पीड बोट राइड – 400/- प्रति व्यक्ति
रंग सागर झील उदयपुर – Rang Sagar Lake Udaipur in Hindi
स्वरूप सागर झील और पिछोला झील को जोड़ने वाली रंग सागर झील उदयपुर में स्थित सभी झीलों की अपेक्षा बेहद छोटी है। रंग सागर झील की चौड़ाई 250 मीटर है और लंबाई लगभग 1 किलोमीटर के आसपास है। उदयपुर में स्थित बाकी कृत्रिम झीलों की तरह रंग सागर झील भी मीठे पानी की झील है।
शुरुआती समय में इस झील को अमरकंट कहा जाता था। 1668 में रंग सागर झील का निर्माण उदयपुर के मंत्री रहे अमर सिंह बड़वा की देखरेख में हुआ था। रंग सागर झील एक प्रकार से पिछोला झील का विस्तार है जो आगे जा कर स्वरूप सागर झील और फतेहसागर झील से जुड़ जाती है।
रंग सागर झील से भी पिछोला झील की तरह अरावली पर्वतमाला के बेहद मनोरम दृश्य दिखाई देते है। उदयपुर के स्थानीय लोग अपने परिवार के साथ सप्ताहांत के समय रंग सागर झील के आसपास समय व्यतीत करते हुए दिख जाते है। रंग सागर झील पर दिन के किसी भी समय घूमने जाया जा सकता है।
रंग सागर झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Rang Sagar Lake Udaipur Timings in Hindi
दिन के किसी भी समय।
रंग सागर झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Rang Sagar Lake Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
उदय सागर झील उदयपुर – Udai sagar Lake Udaipur in Hindi
उदयपुर में मानव निर्मित सबसे पुरानी झीलों में से एक उदयसागर झील का निर्माण महाराणा उदयसिंह ने उदयपुर की स्थापना के कुछ वर्षों के बाद 1565 में करवाया था। उदयपुर शहर की पूर्वी दिशा में स्थित इस झील की मुख्य शहर से दूरी 13 किलोमीटर है। उदयसागर झील उदयपुर में स्थित सबसे विशाल झीलों में से एक है इसकी लंबाई 4 किलोमीटर के आसपास है और चौड़ाई 2.5 किलोमीटर के आसपास है।
महाराणा उदयसिंह ने उदयसागर झील पर बेरच बांध का भी निर्माण करवाया ताकि स्थानीय लोगों के लिए यहाँ पर कभी पानी से जुड़ी हुई समस्याओं का सामना ना करना पड़े। अरावली पर्वतमाला से घिरी हुई इस झील से शाम के समय सूर्यास्त के बहुत ही सुंदर दृश्य दिखाई देते है। उदयसागर झील के पानी का मुख्य स्त्रोत आहर नदी है।
आहर नदी में उदयपुर और आसपास के क्षेत्रों में लगे हुए कारखानों और होटलों का गन्दा पानी छोड़ा जाता है इस वजह से उदयसागर झील का पानी भी दूषित हो रहा है। वर्तमान में राष्ट्रीय झील संरक्षण कार्यक्रम द्वारा उदयसागर झील के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। उदयसागर झील पर प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। पर्यटक दिन के किसी भी समय उदयसागर झील देखने के लिए जा सकते है।
उदय सागर झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Udai sagar Lake Udaipur Timings in Hindi
सुबह 08:00 बजे से शाम 06:30 बजे तक।
उदय सागर झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Udai sagar Lake Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
उदय सागर झील उदयपुर में बोट राइड का शुल्क – Udai Sagar Lake Udaipur Boat Ride Ticket Price in Hindi
01 रेगुलर बोट राइड – 30/- प्रति व्यक्ति
02 मोटर बोट राइड – 200/- प्रति व्यक्ति
03 स्पीड बोट राइड – 400/- प्रति व्यक्ति
बड़ी झील उदयपुर – Lake Badi Udaipur in Hindi
उदयपुर के मुख्य शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित बड़ी झील प्राकृतिक रूप से उदयपुर की सबसे सुन्दर झील कही जा सकती है। उदयपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में स्थानीय लोगों को अकाल के कारण हुए नुकसान से बचाने के लिए और पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखने के लिए महाराणा राज सिंह (1652-1680) ने बड़ी झील का निर्माण करवाया।
महाराणा राज सिंह ने बड़ी झील का नाम अपनी माता जान देवी के नाम पर जियान सागर रखा था। बड़ी झील पर बनी हुई तीन विशाल छतरियाँ इसे एक अलग ही रूप प्रदान करती है। बड़ी झील अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। अगर आपको पहाड़ो में ट्रेकिंग करना पसंद है तो उदयपुर के पास स्थित बड़ी झील के आसपास स्थित कुछ पहाड़ो पर ट्रेकिंग की जा सकती है।
बड़ी झील के सबसे सुंदर प्राकृतिक दृश्य अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों की चोटी से ही दिखाई देते है। 1973 में बारिश की कमी की वजह से बड़ी झील से उदयपुर शहर को पानी की सप्लाई की गई थी। पर्यटक दिन के किसी भी समय बड़ी झील पर घूमने जा सकते है। बड़ी झील पर किसी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है।
बड़ी झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Lake Badi Udaipur Timings in Hindi
सुबह 07:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक।
बड़ी झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Lake Badi Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
बड़ी झील उदयपुर में बोट राइड का शुल्क – Lake Badi Udaipur Boat Ride Ticket Price in Hindi
01 रेगुलर बोट राइड – 30/- प्रति व्यक्ति
02 मोटर बोट राइड – 200/- प्रति व्यक्ति
03 स्पीड बोट राइड – 400/- प्रति व्यक्ति
जयसमंद झील / ढेबर झील उदयपुर – Jaisamand Lake Udaipur in Hindi
उदयपुर से 45 किलोमीटर दूर स्थित जयसमंद झील भारत में मानव निर्मित मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील है। जयसमंद झील की चौड़ाई 14 किलोमीटर (9 मील) है, और इसकी लंबाई 48 किलोमीटर (30 मील)के आसपास है, जयसमंद झील 100 फ़ीट तक गहरी है। झील पर तीन छोटे-छोटे द्वीप बने हुए है इनमेंसे कुछ द्वीप पर आज भी भील जाती के लोग स्थायी रूप से निवास करते है।
भील जाती के यह लोग झील से जमीन पर आने के लिए नाव का उपयोग करते है। जयसमंद झील को ढेबर झील के नाम से भी जाना जाता है। जयसमंद झील का निर्माण महाराणा जय सिंह ने 1685 में करवाया था। जयसमंद झील पर एक बांध भी बना हुआ जिसका निर्माण 2 जून 1691 में पूरा हुआ कहते है की बांध का निर्माण कार्य पूरा होने पर महाराणा जय सिंह ने अपने वजन के बराबर सोना तुलवा कर आम जनता में वितरित किया था।
जयसमंद झील पर स्थित बांध की चौड़ाई 1200 फ़ीट और इसकी गहराई 100 फ़ीट के आसपास है। बांध के पास एक पहाड़ी पर छोटा महल भी बना हुआ है जिसका उपयोग महाराणा अपनी शीतकालीन राजधानी के रूप में किया करते थे। जयसमंद झील के बांध को आकर्षक बनाने के लिए संगमरमर की छतरियों और हाथियों का निर्माण करवाया गया। इसके अलावा बांध पर भगवान शिव का एक मंदिर भी बना हुआ है।
जयसमंद झील का अधिकांश हिस्सा अरावली पर्वतमाला और घने जंगलों से घिरा हुआ है इस वजह से यह झील प्राकृतिक रूप से भी बहुत ज्यादा समृद्ध है। इस प्राकृतिक समृद्धता की वजह से जयसमंद झील के आसपास के वन क्षेत्र को 1957 में वन्यजीव अभ्यारण घोषित किया गया। इस वन्यजीव अभ्यारण को जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण के नाम से जाना जाता है।
जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण के घने जंगलों में जंगली सुअर, चौसिंगा, हिरण जैसे वन्यजीव पाये जाते है इसके अलावा इस अभ्यारण में बहुत सारे प्रवासी पक्षियों की प्रजातियाँ भी पाई जाती है।
जयसमंद झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Jaisamand Lake Udaipur Timings in Hindi
सुबह 10:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक।
जयसमंद झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Jaisamand Lake Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
जयसमंद झील उदयपुर में बोट राइड का शुल्क – Jaisamand Lake Udaipur Boat Ride Ticket Price in Hindi
भारतीय पर्यटक – 30/- प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटक – 80/- प्रति व्यक्ति
जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य उदयपुर में प्रवेश का समय – Jaisamand Wildlife Sanctuary Udaipur Timings in Hindi
सुबह 10:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक।
जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Jaisamand Wildlife Sanctuary Udaipur Entry Fee in Hindi
भारतीय पर्यटक – 10/- प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटक – 80/- प्रति व्यक्ति
राजसमंद झील उदयपुर – Rajsamand Lake Udaipur in Hindi
उदयपुर से 66 किलोमीटर दूर स्थित राजसमंद झील राजस्थान के राजसंमद जिले में स्थित एक मानव निर्मित मीठे पानी की झील है। राजसमंद झील राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र की सबसे प्रमुख झीलों में से एक मानी जाती है। राजसमंद झील 4 मील लंबी और 1.7 मील चौड़ी है, इस झील की गहराई लगभग 60 फ़ीट के आसपास है।
यह झील राजसंमद जिले के दो प्रमुख शहर राजनगर और कांकरोली के बीच में स्थित है। राजसमंद झील का निर्माण महाराणा राज सिंह ने 17वीं शताब्दी के दौरान करवाया था। 1661 में मेवाड़ के इस क्षेत्र में बारिश की कमी की वजह से भयंकर सूखा पड़ गया जिससे इस क्षेत्र में रहने वाले किसानों और आम जनता को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
भविष्य में इस तरह की विकट परिस्थिति का सामना ना करने पड़े इसलिए महाराणा राज सिंह ने इस क्षेत्र में बहने वाली तीन नदियों केलवा,गोमती और तली के बहाव क्षेत्र में बांध का निर्माण करवाया इस प्रकार 1662 में राजसंमद झील का निर्माण हुआ। महाराणा राज सिंह द्वारा उस समय सूखे के वक़्त किये गए राहत कार्यों में 4 मिलियन रुपये खर्च किये गए थे।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राजसमंद झील का उपयोग इम्पीरियल एयरवेज के सीप्लेन बेस तौर पर उपयोग में लिया गया था। राजसंमद झील के किनारे पर बने तटबंध को नौ चौकी के नाम से जाना जाता है, इस तटबंध पर संगमरमर के पत्थर से बनी हुई छतरियों का निर्माण किया गया है। पर्यटक राजसमंद झील पर घुमने के लिए किसी भी समय जा सकते है।
राजसमंद झील उदयपुर में प्रवेश का समय – Rajsamand Lake Udaipur Timings in Hindi
दिन के किसी भी समय।
राजसमंद झील उदयपुर में प्रवेश शुल्क – Rajsamand Lake Udaipur Entry Fee in Hindi
प्रवेश निःशुल्क।
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