मनोविज्ञान का ऐतिहासिक विकास psychology
मनोविज्ञान का उद्भव 1870 के दशक का है। साइकोलॉजि अर्थात मनोविज्ञान शब्द दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है साइकि का अर्थ है आत्मा या सॉस और लोगोस का अर्थ है ज्ञान या अध्ययन किसी चीज का अध्ययन या जांच।
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मनोविज्ञान का ऐतिहासिक विकास
19वीं सदी से पहले साइकोलॉजी शब्द आम उपयोग में नहीं था और मनोविज्ञान का क्षेत्र वास्तव में 19वीं शताब्दी के मध्य तक एक स्वतंत्र विज्ञान नहीं बन पाया था।
1879 में मनोवैज्ञानिक स्वतंत्र अकादमिक अनुशासन के रूप में उभरा जब जर्मनी के प्रोफेसर विल्हेम वुड्स ने जर्मनी के लिपजिग विश्वविद्यालय मैं पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की।
बॉल्स 1993 के अनुसार वुड्स एक प्रशिक्षित मेडिकल डॉक्टर थे और अपने करियर की शुरुआत में उन्हें 19वीं सदी के कुछ महान शरीर के लिए वैज्ञानिकों के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मनोविज्ञान की बौद्धिक जड़े दर्शनशास्त्र और शरीर क्रिया विज्ञान के समागम में हैं वुड्स को पारंपरिक रूप से आधुनिक मनोवैज्ञानिक के संस्थापक या पिता के रूप में जाना जाता है।
1879 के वर्ष को एक उल्लेखनीय वर्ष के रूप में देखा जाता है जब मनोविज्ञान अंतः एक अद्वितीय क्षेत्र के रूप में उभरा। वुंड्स से पहले मनोविज्ञान में विशेषता की डिग्री प्राप्त होना संभव नहीं था क्योंकि उनसे पहले कहीं पर भी कोई अधिकारिक मनोवैज्ञानिक या मनोविज्ञान विभाग नहीं था।
वुंड्स अपने मन की संरचना का अध्ययन करना शुरू कर दिया जिसने तत्कालीन अनुभव व्यक्ति परक अनुभवों की विषय वस्तु और प्रतिक्रियाओं जैसे संवेदना विचारों और भावनाओं और संवेग को संदर्भित किया।
इस प्रकार औपचारिक रूप से मनोविज्ञान को 1879 में एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।
मनोविज्ञान : एक विज्ञान के रूप में
मनोविज्ञान को व्यवहार के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया गया है लेकिन क्या यह भी वैसा ही विज्ञान है जैसा कि भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान जीव विज्ञान और प्राणी शास्त्रीय कुछ अलग तरह का विज्ञान है ?
इस खंड में हम विज्ञान की कुछ परिभाषा ओं को देखेंगे हम विज्ञान की प्रकृति और विशेषताओं पर भी चर्चा करेंगे और मनोविज्ञान को एक विज्ञान के रूप में समझेंगे। आइए हम विज्ञान के निम्नलिखित परिभाषा ओं को देखें I
- विज्ञान ज्ञान का एक व्यवस्थित निकाय है जो सावधानी पूर्वक किए गए प्रशिक्षण और घटनाओं के मापन के माध्यम से इकट्ठा की गई सूचना पर आधारित होता है मोरगन एट अल ॥
- विज्ञान क्रमिक परीक्षणों पर आधारित ज्ञान का एक दृष्टि कौन है सिमल
विज्ञान का एकमात्र उद्देश्य भौतिक संसार की वस्तुओं और घटनाओं को वर्गीकृत करना समझना और एकीकृत करना है सटीक अवलोकन और प्रयोग तर्क और सहज बोध के संयोजन का उपयोग करके वैज्ञानिक उन नियमों को समझना चाहते हैं जो प्राकृतिक ब्रह्मांड के सभी स्तरों को नियंत्रित करते हैं।
विज्ञान के लक्षण
विज्ञान घटनाओं का अवलोकन मुख्य रूप से वर्गीकृत करने और सामान्य सिद्धांतों और कानूनों का वर्णन के रूप में नई घटनाओं की भविष्यवाणी की स्थापना के द्वारा विभिन्न तरीकों से व्यवस्थित करता है। मनोविज्ञान उसी तरह से व्यवहार का अध्ययन करता है जिस तरह से अन्य विज्ञान अपने विषय वस्तु का अध्ययन करते हैं और इसलिए मनोविज्ञान उनके साथ कई विशेषताएं साझा करता है। मनोविज्ञान अन्य विज्ञानों के साथ एक विज्ञान के रूप में निम्नलिखित विशेषताएं हैं जैसा कि मोरगन एट अल द्वारा वर्णित है साझा करता है |
अनुभवजन्य अवलोकन
विज्ञान के अन्य विषयों की तरह मनोविज्ञान शास्त्र अभी तक कराया विश्वास के बजाय प्रयोग और परीक्षणों पर निर्भर करता है।
व्यवस्थित दृष्टिकोण और सिद्धांत
घटनाओं को समझने में हमारी मदद करने के लिए और उनसे कुछ अर्थ निकालने के लिए विज्ञान में प्रेक्षण और प्रयोगों के आंकड़े अनिवार्य हैं। वैज्ञानिक मर्यादित सिद्धांतों को खोजने की कोशिश करता है जो लाभप्रद रूप से डाटा को संक्षेप में प्रस्तुत कर सके। अन्य वैज्ञानिक सिद्धांतों की तरह मनोविज्ञान भी प्रेक्षण डाटा संग्रहण विश्लेषण और व्याख्या की एक क्रमबद्ध व्यवस्थित प्रक्रिया का अनुसरण करता है।
शब्दों की परिभाषा
सावधानीपूर्वक परिभाषित शब्द विज्ञान की स्पष्ट सोच की मूलभूत आवश्यकता है मनोविज्ञान की प्रक्रिया में सम्पत्ययो को व्यवहार से जोड़ते हुए परिभाषित किया जाता है |
जब हम किसी संप्रत्यय को संक्रियात्मक तौर पर परिभाषित करते हैं तो हम इसे मापने योग्य और अवलोकन योग्य संघ क्रियाओं के संदर्भ में परिभाषित करते हैं उदाहरण के लिए बहुत ही की में लंबाई ऊंचाई की अवधारणा और मनोविज्ञान में बुद्धिमत्ता प्रेरणा व्यक्तित्व जैसी अवधारणाएं अवलोकनिय क्रियाओं के रूप में ही परिभाषित की जाती हैं |
जिन्हें मापने के लिए उनका प्रदर्शन किया जा सकता है हालांकि मनोविज्ञान कई व्यवहारों जैसे कि बहादुरी दोस्ती प्रेम सौंदर्य आदि को मापा नहीं जा सकता है। क्योंकि इन्हें संक्रियात्मक रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता है उपरोक्त विशेषताएं मनोविज्ञान सहित सभी विज्ञानों के लिए उभयनिष्ठ हैं हालांकि मनोविज्ञान एक अलग प्रकार का विज्ञान है भौतिकी या रसायन विज्ञान में शोधकर्ता प्रक्रियाओं और घटनाओं की जांच करते हैं जो बहुत हद तक स्थिर और नियम रहते हैं। यही चीज इनमें मापना और सटीकता की एक उचित डिग्री के साथ भविष्यवाणी करना संभव बनाती है लेकिन मानव व्यवहार के साथ ऐसा नहीं है।
साइकोलॉजी के जनक कौन है?
विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट (Wilhelm Maximilian Wundt ; 16 अगस्त, 1832 – 31 अगस्त, 1920) जर्मनी के चिकित्सक, दार्शनिक, प्राध्यापक थे जिन्हें आधुनिक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है। वुण्ट ने मनोविज्ञान को विज्ञान माना और उन्होने ही सबसे पहले अपने आप को मनोवैज्ञानिक कहा। वे ‘प्रायोगिक मनोविज्ञान के जनक’ माने जाते हैं।
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