Tirupati Balaji के 10 रहस्य, तिरुपति बालाजी किसका अवतार है? तिरुपति बालाजी कौन से भगवान हैं? हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर कहाँ बनाया गया? तिरुपति बालाजी मंदिर कैसे जाए
भारत के सबसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है भगवान Tirupati Balaji। भगवान तिरुपति के दरबार में गरीब और अमीर दोनों सच्चे श्रद्धाभाव के साथ अपना सिर झुकाते हैं। हर साल लाखों लोग तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र होते हैं। मान्यता है कि भगवान बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान के सामने प्रार्थना करते हैं, Tirupati Balaji उनकी सभी मुरादें पूरी करते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां आकर Tirupati Balaji मंदिर में अपने बाल दान करते हैं। इस अलौकिक और चमत्कारिक मंदिर से ऐसे रहस्य जुड़े हैं, जिन्हें जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़े ऐसे 10 रहस्य…
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1 Tirupati Balaji की मूर्ति पर लगे बाल

Tirupati Balaji
कहा जाता है कि मंदिर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे बाल असली हैं। ये कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। मान्यता है कि ऐसा इसलिए है कि यहां भगवान खुद विराजते हैं।
2 समुद्र की लहरों की ध्वनि

Tirupati Balaji
यहां जाने वाले बताते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है। यही कारण है कि मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती है।
3 अद्भुत छड़ी

Tirupati Balaji
मंदिर में मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में कहा जाता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की गई थी, इस कारण उनकी ठुड्डी पर चोट लग गई थी। इस कारणवश तब से आज तक उनकी ठुड्डी पर शुक्रवार को चंदन का लेप लगाया जाता है। ताकि उनका घाव भर जाए।
4 सदैव जलता है यह दीया

Tirupati Balaji
भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया सदैव जलता रहता है। इस दीए में न ही कभी तेल डाला जाता है और न ही कभी घी। कोई नहीं जानता कि वर्षों से जल रहे इस दीपक को कब और किसने जलाया था?
5 मूर्ति मध्य में या दाईं ओर

Tirupati Balaji
जब आप भगवान बालाजी के गर्भ ग्रह में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में स्थित है। वहीं जब गर्भ गृह से बाहर आकर देखेंगे तो लगेगा कि मूर्ति दाईं ओर स्थित है।
6 पचाई कपूर

Tirupati Balaji
भगवान बालाजी की प्रतिमा पर खास तरह का पचाई कपूर लगाया जाता है। वैज्ञानिक मत है कि इसे किसी भी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह कुछ समय के बाद ही चटक जाता है। लेकिन भगवान की प्रतिमा पर कोई असर नहीं होता।
7 गुरुवार को लगाया जाता है चंदन का लेप

Tirupati Balaji
भगवान बालाजी के हृदय पर मां लक्ष्मी विराजमान रहती हैं। माता की मौजूदगी का पता तब चलता है जब हर गुरुवार को बालाजी का पूरा श्रृंगार उतारकर उन्हें स्नान करावाकर चंदन का लेप लगाया जाता है। जब चंदन लेप हटाया जाता है तो हृदय पर लगे चंदन में देवी लक्ष्मी की छवि उभर आती है।
8 नीचे धोती और ऊपर साड़ी

Tirupati Balaji
भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है। मान्यता है कि बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है। इस कारण ऐसा किया जाता है।
9 यह है अनोखा गांव

Tirupati Balaji
भगवान बालाजी के मंदिर से 23 किमी दूर एक गांव है, और यहां बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। यहां पर लोग बहुत ही नियम और संयम के साथ रहते हैं। मान्यता है कि बालाजी को चढ़ाने के लिए फल, फूल, दूध, दही और घी सब यहीं से आते हैं। इस गांव में महिलाएं सिले हुए कपड़े धारण नहीं करती हैं।
10 मूर्ति को आता है पसीना भी

Tirupati
वैसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा को एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से बनी है, मगर यह पूरी तरह से जीवंत लगती है। यहां मंदिर के वातावरण को काफी ठंडा रखा जाता है। उसके बावजूद मान्यता है कि बालाजी को गर्मी लगती है कि उनके शरीर पर पसीने की बूंदें देखी जाती हैं और उनकी पीठ भी नम रहती है।
- अन्य जानकारी:—
hanuman chalisa
तिरुपति बालाजी किसका अवतार है?
प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं. यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार प्रभु वेंकटेश्वर (Venkateswara) या बालाजी (Balaji) को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था।
Tirupati Balaji कौन से भगवान हैं?
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर
देवता वेंकटेश्वर (विष्णु)
त्यौहार ब्रह्मोत्सवम्, वैकुण्ठ एकादशी, रथ सप्तमी
शासी निकाय तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम
हाल ही में तिरुपति बालाजी मंदिर कहाँ बनाया गया?
यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभूत उदाहरण हैं।
तिरुपति बालाजी मंदिर कैसे जाये?
तिरुपति बालाजी कैसे पहुंचे – Kaise Jaye Tirupati Balaji In Hindi. हवाई यात्रा से तिरुपति कैसे जाएं – अगर आप फ्लाइट से तिरुपति जाते हैं तो नजदीकी हवाई अड्डा रेनिगुंटा में स्थित है, जो तिरुपति से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। दर्शन के लिए आप दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलुरू और चेन्नई से फ्लाइट ले सकते हैं।
बालाजी की पत्नी कौन है?
वेंकटेश्वर बालाजी
प्रतीक चंदन तिलक
जीवनसाथी श्री पद्मावती लक्ष्मी
सवारी गरुड़
क्षेत्र दक्षिण भारत
Tirupati Balaji मंदिर का निर्माण कौन से शासन काल में हुआ था?
इसका निर्माण किसने करवाया शायद आपको नहीं पता होगा कि यह मंदिर अंग्रेजों के शासन काल से है। माना जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 9वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है, जब कांचीपुरम के शासक वंश पल्लवों ने इस स्थान पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था, परंतु 15 सदी के विजयनगर वंश के शासन के पश्चात भी इस मंदिर की ख्याति सीमित रही।
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