World Press Freedom Day : क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, जानिए
भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है। आज प्रेस दुनिया में खबरें पहुंचाने का सबसे बेहतरीन माध्यम है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। विश्व स्तर पर प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया, जिसे विश्व प्रेस दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
यूनेस्को द्वारा 1997 से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज भी दिया जाता है। यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो। 1997 से अब तक भारत के किसी भी पत्रकार को यह पुरस्कार नहीं मिलने की एक बड़ी वजह कई वरिष्ठ पत्रकार पश्चिम और भारत में पत्रकारिता के मानदंडों में अंतर को बताते हैं।
भारतीय पत्रकारित में हमेशा विचार हावी होता है, जबकि पश्चिम में तथ्यात्मकता पर जोर दिया जाता है। इससे कहीं न कहीं हमारे पत्रकारिता के स्तर में कमी आती है। इसके अलावा भारतीय पत्रकारों में पुरस्कारों के प्रति जागरूकता की भी कमी है, वे इसके लिए प्रयासरत नहीं रहते।
प्रेस किसी भी समाज का आईना होता है। प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत है। प्रेस और मीडिया हमारे आसपास घटित होने वाली घटनाओं से हमें अवगत करवा कर हमारे लिए खबर वाहक का काम करती हैं, यही खबरें हमें दुनिया से जोड़े रखती हैं।
विश्व प्रेस_स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रेस की आजादी और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना इसका उद्देश्य है।
क्या है इस साल की थीम?
हर साल यह दिन किसी थीम यानी विषय पर आधारित होता है और इस साल की विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का विषय है- सूचना से जनकल्याण, जो जनहित कार्यों में सूचना के महत्व को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने इस दिवस पर दुनियाभर की सरकारों से ये आग्रह किया है कि वे स्वतंत्र, निष्पक्ष और विविध मीडिया को समर्थन देने का हर संभव प्रयास करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कई देशों में पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को अपना दायित्व निभाते हुए प्रतिबंधों, उत्पीड़न, नजरबंदी और यहां तक की मौत के खतरे का भी सामना करना पड़ता है।
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