अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन किया जाता है।
वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) ने जैव विविधता के मुद्दों पर समझ और जागरूकता बढ़ाने हेतु 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (IDB) के रूप में घोषित किया।
वर्ष 2011-2020 की अवधि को UNGA द्वारा संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) को जैव विविधता दशक के रूप में घोषित किया गया ताकि जैव विविधता पर एक रणनीतिक योजना के कार्यान्वयन को बढ़ावा दिया जा सके, साथ ही प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के समग्र दृष्टि को बढ़ावा दिया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
वर्ष 2021-2030 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत विकास हेतु महासागर विज्ञान दशक (Decade of Ocean Science for Sustainable Development) और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (UN Decade on Ecosystem Restoration) के रूप में घोषित किया गया।
वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम ‘समझौते से कार्रवाई तक: जैव विविधता का निर्माण करें’ (From agreement to action: Build back biodiversity) है।
जैव विविधता अभिसमय जैव विविधता के संरक्षण हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है जिसे वर्ष 1993 से लागू किया गया।
भारत सीबीडी का एक पक्षकार (Party) है।
जैव विविधता शब्द का प्रयोग पृथ्वी पर जीवन की विशाल विविधता का वर्णन करने के संदर्भ में किया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से एक क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र में सभी प्रजातियों को संदर्भित करने हेतु किया जा सकता है। जैव विविधता पौधों, बैक्टीरिया, जानवरों और मनुष्यों सहित हर जीवित चीज को संदर्भित करती है।
इसे अक्सर पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों की विस्तृत विविधता के संदर्भ में समझा जाता है, लेकिन इसमें प्रत्येक प्रजाति में विद्यमान आनुवंशिक अंतर भी शामिल होता है।
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